विद्या साइंस पब्लिक स्कूल मनौरी में जल संरक्षण को लेकर हुई नीति आयोग के सदस्यों की हुई कार्यशाला*
यूपी संदेश न्यूज नेटवर्क कौशांबी
कौशाम्बी
*छात्र छात्राओं द्वारा जल बचाने के लिए ली गई शपथ, कहा नहीं करेंगे जल को बर्बाद*
प्रधानाचार्य इंजी.मनीष साहू, वाइस प्रिंसिपल आरजू खान, सुप्रिटेंडेंट इंजी सत्यदेव प्रसाद, सोनाली कुशवाहा,विजया साहू उपस्थित रहे
*राष्ट्रीय यूपी संदेश न्यूज़ रमाशंकर संवाददाता*
कौशाम्बी चायल मनोरी तहसील के पिपरी थानांतर्गत मनौरी बाजार स्थित विद्या साइंस पब्लिक स्कूल में वृहस्पतिवार को बच्चो को जल संरक्षण का महत्व बताने के तहत जल उत्सव कार्यक्रम का वृहद आयोजन हुआ। जिसमें भारत सरकार और नीति आयोग की तरफ से जल उत्सव कार्यक्रम में आए अतिथियों ने छात्रा-छात्राओं को जल संरक्षण करने के फायदे बताएं।
कार्यक्रम में यूनॉप्स के सलाहकार विष्णु तिवारी ने विद्यालय के छात्र- छात्राओं को बताया कि जल ही जीवन है। यह सिर्फ कहने की बात नहीं है। जल के बिना जनमानस अथवा जीव जंतु, पशु पक्षियों का जीवित रहना संभव नहीं है। इससे हम पानी बचा कर भविष्य को बचा रहे हैं। इसे बचाना हम सब की जिम्मेदारी है। विष्णु तिवारी ने बताया कि हमें बेवजह भूमिगत जल का दोहन नहीं करना चाहिए। कई लोग अपने
निजी सबमर्सिबल से वाहन की धुलाई, या नालियों की सफाई में भी करते हैं। जिसमें कई लीटर पानी बिना उपयोग ही खराब हो जाता है।
हम पहले अपने कई बर्तनों में पानी डंप कर लेते हैं बाद में ताजा पानी
भरने के लिए उस पानी को नालियों में फेंक देते हैं। ऐसे दोहन होने से हमें पानी को बचाना चाहिए। वर्षा के जल को हम खेती या उसे बोरवेल और अन्य तरीकों से भूमिगत कर सकते हैं। इससे हमारा भू-गर्भ जल रिचार्ज
होगा। इस दौरान विद्यालय के प्रधानाचार्य इंजीनियर मनीष साहू, वाइस प्रिंसिपल आरजू खान, सुप्रिटेंडेंट इंजीनियर सत्यदेव प्रसाद, सोनाली कुशवाहा, विजया साहू, क्रांति पाल आदि शिक्षक/शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।
*जल संरक्षण के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं*
पानी का रिसाव होने पर उसकी मरम्मत कराएं,ज़रूरत से ज़्यादा पानी का इस्तेमाल न करें,नहाते समय, दांत साफ़ करते समय, या जब पानी का इस्तेमाल न हो, तो नल बंद कर दें,
कम प्रवाह वाले शॉवर हेड और शौचालय का इस्तेमाल करें,
वाशिंग मशीन और डिशवॉशर में जल-बचत चक्र का इस्तेमाल करें,पानी की बोतल में बचा पानी फेंकने के बजाय पौधों को सींचने में इस्तेमाल करें.सब्ज़ियों और फलों को धोने के पानी का इस्तेमाल फूलों और सजावटी पौधों के गमलों को सींचने में करें,पानी के हौज़ को खुला न छोड़ें.
तालाबों, नदियों, या समुद्र में कूड़ा न फेंकें,वर्षा के पानी को इकट्ठा करके गाड़ी धोने, उद्यानिकी, सीढ़ी धोने, परिसर धोने वगैरह में इस्तेमाल करें.